लक्ष्य एवं परिकल्पना

1 खरतरगच्छ विरूद प्राप्ति के सहस्त्राब्दी वर्ष की पूर्णता के ऐतिहासिक प्रसंग को सम्पूर्ण खरतरगच्छ श्रीसंघ के सहयोग एवं सहभागिता से भव्य स्तर पर महोत्सव पूर्वक आयोजित करने हेतु परिकल्पना करना एवं उसे क्रियान्वित करने हेतु सभी आवश्यक एवं संबद्ध कार्य करना।

2 सहस्त्राब्दी महोत्सव कार्यक्रम के अन्तर्गत संपूर्ण खरतरगच्छ श्रीसंघ, श्रावक-श्राविकाओं, साधु-साध्वियों, संघों, संस्थाओं, मण्डलों आदि से समन्वय स्थापित करना, उन्हें परस्पर सहयोग आदान-प्रदान करना, तीर्थों, जिनालयों, दादाबाड़ियों, धर्मस्थलों, आराधना स्थलों, ज्ञान भण्डारों सहित ऐसे सभी स्थलों पर विविध् समारोह आयोजित करना।

3 सहस्त्राब्दी महोत्सव को स्मृति को अक्षुण्ण बनाये रखने के उद्देश्य से स्मारक डाक टिकट निकलवाने, प्रथम दिवस आवरण सह विशेष आरूपण जारी करवाना, स्मारक सिक्के जारी करवाना, विशेष पुरस्कार देना, सम्मान आदि स्थापित करना एवं उन्हें प्रदान करना, सहस्त्राब्दी स्मारक, म्यूजियम चित्रा दीर्घा, ऑडोटोरियम आदि स्थापित करना, ऐसे संस्थाओं को सहयोग तथा सहायता देना, संचालित करना।

4 सहस्त्राब्दी समारोह के आयोजन हेतु देश के विभिन्न् क्षेत्रों तथा स्थलों में युवा मण्डल, युवती मण्डल, महिला मण्डल, स्वाध्यायी मण्डल, वैयावच्च सहायक मण्डल, पदयात्रा सहयोग मण्डल, चिकित्सा सहयोग मण्डल, स्वधर्मी सहयोग/उन्नयन मण्डल आदि को स्थापित करना, ऐसी संस्थाओं को सहयोग देना तथा लेना, आवश्यक सहायता प्रदान करना एवं संबंधित अन्य कार्य करना।

5 यह सहस्त्राब्दी समारोह के प्रसंग पर स्मारिका, सहस्त्राब्दी ग्रंथ, शोध ग्रंथ, कॉपी टेबल बुक, सामायिक पत्र पत्रिका आदि प्रकाशित तथा वितरण करना, न्यास के उद्देश्यों एवं उपलब्धियों के प्रचार-प्रसार तथा सहयोग कामना हेतु पत्रा-पत्रिका आदि के प्रकाशन, दृश्य – श्रव्य माध्यमो; ऑडियों-विडियो तथा सभी तरह के उपलब्ध संचार माध्यमों तथा तकनीकों का उपयोग करना व ऐसे कार्यों में अन्य न्यासों, सस्थाओं, व्यक्तियों आदि को सहयोग देना तथा सहयोग लेना।

6 न्यास के समान अथवा समरूप उददेश्यों वाले अन्य न्यास, संस्था, संगठन, संघ, पेढ़ी आदि का नियंत्रण, संचालन आदि संभालना, न्यासी परिषद् द्वारा स्वीकृति प्राप्त कर उनका अपने न्यास में विलय आदि करना एवं उनके कार्यों को संचालित करना।

7 प्राकृतिक एवं मानव-निर्मित आपदाओं से पीड़ित प्राणियों की सुरक्षा, सहायता तथा पुनर्वास आदि हेतु सहायता प्रदान करना एवं ऐसे कार्यों में अन्य संस्थाओं, न्यासों, व्यक्तियों आदि को सहयोग प्रदान करना।

8 न्यास के उद्देश्यों के अनुरूप बिना किसी भेदभाव के सभी सामाजिक परमार्थिक कार्य संपादित करना, जो न्यास के उद्देश्यों के अर्न्तगत तथा इसकी मूल भावना के अनुरूप हों।